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Ayodhya Ram Mandir मंदिर की विशेषताएं और राम मंदिर कैसे पहुंचें, जानें

Ayodhya Ram Mandir

Ayodhya Ram Mandir

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, यह ऐतिहासिक मौका है, जिसका इंतजार देश की करोड़ों जनता कई दशक से कर रही थी। विश्व हिंदू परिषद ने 1989 में राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत की थी। इसके बाद राम मंदिर देश की राजनीति का हिस्सा बन गया। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ध्वस्त होने के बाद राम मंदिर का मामला अदालत में पहुंचा। 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। सूर्यवंशी राजा राम की नगरी अयोध्‍या में जगह-जगह सूर्यस्‍तंभ लगाए जा रहे हैं। मंदिर परिसर में कांस्‍य की बनी विशाल जटायु प्रतिमा भी लगाई गई है। मर्यादा पुरुषोत्‍तम श्रीराम एयरपोर्ट रोशनी से जगमगाने लगा है। सबसे पहले यहां से दिल्‍ली और अहमदाबाद के लिए फ्लाइट सेवा शुरू करने की तैयार है। हाईटेक अयोध्‍या रेलवे स्‍टेशन देखते ही बन रहा है। रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद पूरे देश से श्रद्धालुओं का आना बढ़ जाएगा, इसलिए जगह जगह मल्‍टीलेवल पार्किंग भी बन रही हैं। यहां इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने की सुविधा भी रहेगी। एयरपोर्ट के अलावा अयोध्या में भक्ति पथ, रामपथ, जन्मभूमि पथ, धर्म पथ आदि का लोकार्पण भी होना है। रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा समारोह के लिए थाईलैंड के राजा ने वहां की मिट्टी भेजी है। कंबोडिया से सुगंधित हल्‍दी आई है। इसके अलावा जोधपुर से 600 किलोग्राम गाय का घी और जनकपुर से मिथिला आर्ट पेंटिंग भेजा गया है। इस पेंटिंग में माता सीता के धरती की गोद से जन्‍म से लेकर उनका प्रभु राम से विवाह तक के प्रसंगों को दर्शाया गया है।

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की विशेषताएं

 

Ayodhya Ram Mandir राम मंदिर कैसे पहुंचें, जानें अयोध्या स्टेशन, बस अड्डे और एयरपोर्ट से दूरी और साधन

मंदिर निर्माण की कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं

मंदिर की विशेषताएं और महत्व

अयोध्या में बन रहा राम मंदिर हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण मंदिर है। यह मंदिर भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक होगा।

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