इंजन – इंजन एक मैकेनिकल device है जो fuel की chemical energy को thermal energy में transforms करता है और यह thermal energy का उपयोग करके Mechanical work को produce करते हैं।
What is 4 stroke petrol engine? | 4 स्ट्रोक पेट्रोल इंजन क्या है?
Four Stroke Engine वर्किंग प्रक्रिया का Process है। इसमें क्रैंक Crankshaft का 2- पूर्ण Two Revolution 720° में समाप्त होता है। मतलब Crankshaft का दो पूर्ण चक्कर 720° में पूरा किया जाता है और इसी एक Revolution 720° में इंजन के चारों स्ट्रोक पूरे किये जाते हैं। क्योंकि Four stroke Engine में हम प्रक्रिया 360° में दो-स्ट्रोक पूर्ण किये जाते हैं| और फिर 360° में बाकी के दो-स्ट्रोक पूर्ण किये जाते है। इस तरह क्रैंक(Crankshaft) का एक पूरा चक्कर 720° में पूरा हो जाता है और चारो स्ट्रोक भी।
Four Stroke engine में Piston Cylinder में T.D.C से B.D.C गति करता है इन चार strokes में Intake stroke, Compression, Combustion (power), Exhaust होता है यही Four Stroke Engine होते है ये वजन में भारी होते है
- Intake stroke
- Compression
- Combustion (power)
- Exhaust
Petrol Engine Working process
इंजन – इंजन एक मैकेनिकल device है जो fuel की chemical energy को thermal energy में transforms करता है और यह thermal energy का उपयोग करके Mechanical work को produce करते हैं।
Intake stroke:-
- इस स्ट्रोक के दौरान इनलेट वाल्व खुला रहता है और निकास वाल्व बंद रहता है पिस्टन ऊपर डेड सेंटर से बॉटम डेड सेंटर की तरफ चलता है सिलेंडर के अंदर बीडीसी सक्शन बनना स्टार्ट होने लगता है एयरफ्यूल होमोजेनस मिश्रण सक्शन (Air-Fuel Homogenous mixture) कर अंदर आता है| और पिस्टन T.D.C से नीचे की ओर बढ़ता है और B.D.C तक पहुंचता है|
Compression:-
- इस स्ट्रोक के दौरान इनलेट Inlet valve और एग्जॉस्ट Exhaust valve दोनों वाल्व बंद रहते हैं, पिस्टन piston की गति के कारण B.D.C से T.D.C की ओर बढ़ते हैं, एयरफ्यूल सजातीय मिश्रण संपीड़ित (Air-Fuel Homogenous mixture) होता है, संपीड़न Compression के कारण इसका तापमान बढ़ जाता है।
Power stroke:-
- इस स्ट्रोक के दौरान इनलेट(inlet) और एग्जॉस्ट वाल्व (Exhaust Valve) दोनों ही बहुत उच्च तापमान या दबाव( high Temp Or Pressure) इनके अंदर बना रहता हैं। Spark Plug स्पार्क प्लग जो संपीड़ित वायु ईंधन मिश्रण (Compressed Air-fuel Mixture) को प्रज्वलित Burn करता है और पिस्टन T.D.C से नीचे की ओर बढ़ता है और B.D.C तक पहुंचता है|
Exhaust Stroke:-
- इस स्ट्रोक में inlet valve बंद रहती है और valve ओपेन रहती हैं। इसमें जो burnt gases होती है वो इस स्ट्रोक में engine cylinders से बहार निकल जाती है इसमें piston move करता है bottom dead centre से top dead centre कि और burnt gases को जो cylinder में बच जाती है उनको बहार निकालती है। जैसे ही piston top dead centre तक पहुंचता है तो exhaust valve बंद हो जाती है और 4 – stroke cycle भी पूरी हो जाती है।
Diesel Engine Working process
Intake stroke or Suction stroke:-
- इस स्ट्रोक में only Air intake होता है
- इसमें जैसे ही इंजन start होता है पिस्टन टी .D.C कि तरफ से नीचे B.D.C कि ओर जाता है top से जिससे cylinder के भीतर का जो pressure होता है वह reduce और कम हो जाता है। इसके बाद Intake valve opens हो जाती है और Air cylinder के भीतर enter करता है। इसमें Piston T.D.C से B.D.C जाता है
- इसके बाद valve बंद हो जाता है।
Compression stroke ( कम्प्रेशन स्ट्रोक )
- इस स्ट्रोक को कम्प्रेशन स्ट्रोक कहा जाता है क्योंकि इसमें Air का कम्प्रेशन होता है। कम्प्रेशन स्ट्रोक में , पिस्टन Bottom dead center से Top dead center कि तरफ मूव करती है। जिससे piston Air को कंप्रेश करती है। इसमें कम्प्रेशन के कारण Air का pressure और temperature बढ़ता है।
- जैसे कि स्ट्रोक end होता है उससे थोड़ा ही पहले injector द्वारा डीजल inject किया जाता है| जिससे engine cylinder के भीतर blast होता है जिसके कारण high temperature उत्पन होता है piston तेजी से T.D.C से B.D.C की और जाता है और इस stroke के दौरान दोनों valves inlet और Exhaust बंद रहती है पूरी तरह से।
Expansion Stroke
- जैसे कि स्ट्रोक end होता है उससे थोड़ा ही पहले injector द्वारा डीजल inject किया जाता है| जिससे engine cylinder के भीतर blast होता है जिसके कारण high temperature उत्पन होता है piston तेजी से T.D.C से B.D.C की और जाता है और इस stroke के दौरान दोनों valves inlet और Exhaust बंद रहती है पूरी तरह से।
- तीसरा स्ट्रोक है Working और power और एक्सपेंशन स्ट्रोक – इस स्ट्रोक में hot gases का expansion होता है और यह hot gases pressure डालता है piston पर और फिर इस pressure के कारण piston मूव करती है Top dead center से bottom dead center की ओर जिससे हमें इस स्ट्रोक में work मिलता है। इस स्ट्रोक में inlet और exhaust valves दोनों बंद रहती है।
Exhaust स्ट्रोक
चौथा और आखरी stroke Exhaust स्ट्रोक है –
- इस स्ट्रोक में inlet valve बंद रहती है और valve ओपेन रहती हैं। इसमें जो burnt gases होती है वो इस स्ट्रोक में engine cylinders से बहार निकल जाती है इसमें piston move करता है bottom dead centre से top dead centre कि और burnt gases को जो cylinder में बच जाती है उनको बहार निकालती है। जैसे ही piston top dead centre तक पहुंचता है तो exhaust valve बंद हो जाती है और 4 – stroke cycle भी पूरी हो जाती है।
4 स्ट्रोक पेट्रोल इंजन क्या है?| What is 4 stroke petrol engine?
इंजन को आमतौर पर heat engines भी कहा जाता है क्योंकि यह fuel की chemical energy को thermal energy में बदलकर mechanical work को produce करता है।
Difference Between Four- Stroke Engine And Two Stroke Engine.?
2 स्ट्रोक और 4 स्ट्रोक में क्या अंतर है?
Four- stroke Engine | Two stroke Engine |
क्रैंकशाफ्ट के प्रत्येक दो चक्करों के लिए एक कार्यशील स्ट्रोक। | क्रैंकशाफ्ट की प्रत्येक क्रांति के लिए एक कार्यशील स्ट्रोक। |
क्रैंकशाफ्ट को चालू करने का क्षण क्रैंकशाफ्ट के प्रत्येक दो चक्करों के लिए एक कार्यशील स्ट्रोक के कारण भी नहीं होता है। इसलिए भारी चक्का की आवश्यकता होती है और इंजन असंतुलित होकर चलता है। | क्रैंकशाफ्ट की प्रत्येक क्रांति के लिए एक कार्यशील स्ट्रोक के कारण क्रैंकशाफ्ट पर टर्निंग मोमेंट अधिक होता है। इसलिए हल्का चक्का आवश्यक है और इंजन संतुलित चलता है। |
इंजन भारी है। | इंजन हल्का है। |
इंजन डिजाइन जटिल है। | इंजन डिजाइन सरल है। |
अधिक लागत। | कुछ भागों पर कम घर्षण के कारण अधिक यांत्रिक दक्षता। |
कई भागों पर अधिक घर्षण के कारण कम यांत्रिक दक्षता। | जली हुई गैसों के साथ ताजा आवेश के मिश्रण के कारण कम उत्पादन। |
फुल फ्रेश चार्ज इनटेक और फुल बर्न गैस एग्जॉस्ट के कारण ज्यादा आउटपुट। | इंजन अधिक गर्म चलता है। |
इंजन कूलर चलाता है। | इंजन एयर कूल्ड है। |
इंजन वाटर कूल्ड है। | अधिक ईंधन की खपत और ताजा चार्ज निकास गैसों के साथ मिलाया जाता है। |
कम ईंधन की खपत और ईंधन का पूरा जलना। | इंजन को कम जगह की आवश्यकता होती है। |
इंजन को अधिक जगह की आवश्यकता होती है। | सरल स्नेहन प्रणाली। |
जटिल स्नेहन प्रणाली। | इंजन अधिक शोर पैदा करता है। |
इंजन कम शोर पैदा करता है। | मोपेड स्कूटर मोटरसाइकिल का उपयोग करें। |
कार बसों ट्रकों में इस्तेमाल किया। | इंजन में इनलेट और एग्जॉस्ट पोर्ट होते हैं। |
इंजन में इनलेट और एग्जॉस्ट वाल्व होते हैं। | कम थर्मल दक्षता। |
अधिक तापीय दक्षता। | यह अधिक चिकनाई वाले तेल की खपत करता है। |
यह कम चिकनाई वाले तेल की खपत करता है। | चलती भागों का अधिक टूटना। |
FAQ
पेट्रोल इंजन में कितने स्ट्रोक होते हैं?
पेट्रोल इंजन में चार स्ट्रोक होते हैं। यह इंजन दो पूर्ण चक्रों में कार्य करता है – एक ईंधन स्वरूप बेंजीन और एक ताकत स्वरूप।
स्ट्रोक इंजन क्या है?
2 स्ट्रोक इंजन में, पूरा इंजन कार्य दो स्ट्रोकों में होता है – एक नीचे गई हुई पिस्टन के दौरान होने वाला दोष और एक ऊपर जाने वाला पिस्टन के दौरान होने वाला दोष। यह इंजन आमतौर पर मोटरसाइकिल्स और स्कूटर्स में प्रयुक्त होता है, क्योंकि यह छोटे आकार का और उत्तेजनीय है।
पेट्रोल इंजन कितने प्रकार के होते हैं?
पेट्रोल इंजन कई प्रकार के होते हैं, लेकिन मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं:
- साइक्लिंडर और वाणिज्यिक स्ट्रोक (आईसी इंजन): यह प्रकार का इंजन आमतौर पर गाड़ियों और छोटे वाहनों में पाया जाता है।
- इंजेक्शन और डायरेक्ट इंजेक्शन (डीआई इंजन): यह प्रकार के इंजन में पेट्रोल को सीधे सिलेंडर में इंजेक्ट किया जाता है, जो कि प्रदूषण को कम करने में मदद करता है और इंजन की प्रदर्शन क्षमता में सुधार करता है।
टू स्ट्रोक इंजन में पेट्रोल में तेल क्यों मिलाया जाता है?
टू स्ट्रोक इंजन में पेट्रोल में तेल को इंजन को चिकना रखने के लिए मिलाया जाता है। यह इंजन के अंदर की गर्मी को नियंत्रित करने और सुनिश्चित करने में मदद करता है कि इंजन के अंदर की तरलता सही होती है और इंजन की चालने की क्षमता बनी रहती है।
Engine Parts Names| इंजन के पार्ट्स के नाम
[…] में हम आगे विस्तार से सीखने वाले है. 2- पेट्रोल इंजन कार petrol Engine पेट्रोल इंजन और ज्यादा तर फर्क नहीं […]
[…] में हम आगे विस्तार से सीखने वाले है. 2- पेट्रोल इंजन कार petrol Engine पेट्रोल इंजन और ज्यादा तर फर्क नहीं […]
[…] […]