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Galileo Galilei Biography In Hindi | गैलीलियो गैलीली की जीवनी

Galileo Galilei Biography

Galileo Galilei Biography

Galileo Galilei Biography

इटली के वैज्ञानिक और महान गैलीलियो आविष्कारक थे तथा दूरदर्शी के विकास में उनका अतुलनीय सहयोग था। इस महान विचारक का जन्म आधुनिक इटली के पीसा नामक शहर में एक संगीतज्ञ परिवार में हुआ था। आधुनिक इटली का शहर पीसा 15 फ़रवरी 1564 केा महान वैज्ञानिक गैलीलियो गैलिली के जन्म को भी ईश्वर की रचना का दोष मानकर ऐतिहासिक भूल कर बैठा था।

वैज्ञानिक galileo galilei telescope की भी खोज की है। galileo story in hindi में आपको बताये की उसके द्वारा प्रतिपादित सिंद्वांतो से धार्मिक मान्यताओं का खंडन होता था। जिसके लिये गैलीलियो को ईश्वरीय मान्यताओं से छेडछाड करने के लिये सारी उम्र कारावास की सजा सुनायी गयी। इनके पिता विन्सौन्जो गैलिली उस समय के जाने माने संगीत विशेषज्ञ थे। वे “ल्यूट” नामक वाद्य यंत्र बजाते थे, यही ल्यूट नामक यंत्र बाद में गिटार और बैन्जो के रूप में विकसित हुआ। तो चलिए गैलीलियो गैलीली ने दूरबीन का आविष्कार किस वर्ष किया और गैलीलियो गैलिली के बारे में बताते है।

Galileo Galilei Biography In Hindi –

 नाम Galileo Galilei
 जन्म  15 फरवरी,1565
Galileo ka janm kahan hua tha  पीसा शहर ( इटली )
 पिता  विन्सौन्जो गैलिली
 मृत्यु  8 जनवरी 1642
 मृत्यु स्थान जेल में

गैलीलियो का जीवन परिचय – Galileo Galilei Information In Hindi

गैलीलियो इटली का निवासी था और उनका जन्म पीसा शहर में हुआ था।

अपनी संगीत रचना के दौरान विन्सौन्जो गैलिली ने तनी हुयी डोरी या तार के

तनाव और उससे निकलने वाले स्वरों का गहनता से अध्ययन किया।

तथा यह पाया कि डोरी या तार के तनाव और उससे निकलने वाली आवाज में संबंध है।

पिता के द्वारा संगीत के लिये तनी हुयी डोरी या तार से निकलने वाली ध्वनियों के

अंतरसंबंधों के परिणामों का वैज्ञानिक अध्ययन उनके पुत्र गैलीलियो द्वारा किया गया।

इस अध्ययन को करने के दौरान बालक गैलीलियो के मन में सुग्राहिता पूर्ण प्रयोग करते हुये।

उनके परिणामो को आत्मसात करने की प्रेरणा प्रदान करली थी।

वैज्ञानिक के तौर पर गैलीलियो का सफर 1583 में शुरू हुआ। उन्हें मेडिकल स्कूल से बाहर निकाला गया , तब उन्होंने गणित पढ़ना शुरू किया। 1590 में उन्होंने गति को लेकर अरस्तू के सिद्धांतों की आलोचना शुरू हुई । अरस्तू का कहना था वस्तुएं अंतर्निर्मित संवेग की वजह से चलती हैं। कुछ रुढ़ीवादी चर्चों के संदेशों के प्रति व्यक्तिगत असहमति के बावजूद 16 मई 1630 को पोप अर्बन अष्टम द्वारा रोम में सम्मानित अतिथि के तौर पर मेजबानी की गयी वह यह मानकर रोम से रवाना होते हैं। सूर्य के धब्बों के संदर्भ में गैलीलियो ने अपनी किस पुस्तक में लिखा तो पोप ने उनकी किताब “डायलॉग ऑन द टू चीफ वर्ल्ड सिस्टम्स” के प्रकाशन की मंजूरी दे दी है।

ऐसा करने के लिये galeli को कुछ मामूली सुधार और शीर्षक में बदलाव करना होगा। लीवियो ने ‘डायलोगो’ को वेटिकन की प्रतिबंधित पुस्तकों की श्रेणी में रख दिया गया। कोई रास्ता न बचता देख अपनी गिरती सेहत के बावजूद गैलीलियो 20 जनवरी 1633 को रोम के लिये रवाना हुए। लेकिन प्लेग के बढ़ते प्रकोप के कारण उन्हें तस्कनी पार करने से पहले खुद पृथक-वास में रहना पड़ा।

गैलीलियो गैलीली का गति नियम –

कभी-कभी इस नियम को ‘गुरुत्वाकर्षण का प्रतिलोम वर्ग नियम’

(इनवर्स स्क्वायर लॉ) भी कहा जाता है. यह galiliyo की एक क्रांतिकारी खोज है।

Galileo Galilei न्यूटन एक सशक्त गणितज्ञ थे और उनका एक मूलभूत निष्कर्ष था कि एक ठोस गोलक का व्यवहार अपने केंद्र पर अवस्थित एक वज़नी बिंदु की तरह होता है. न्यूटन ने इस बात को आगे बढ़ाते हुए यह दिखा दिया कि ग्रहों के मार्गों का निश्चित निर्धारण किया जा सकता है। साथ ही यह भी कि ग्रह अपने निश्चित मार्ग पर घूमते हुए एक ब्रह्मांडीय घड़ी का काम करते हैं. उन्होंने गणितीय कुशाग्रता एवं परम धैर्य का परिचय देते हुए।

ज्वार–भाटों की, धूमकेतुओं की कक्षाओं की एवं अन्य ब्रह्मांडीय पिंडों के गतिचक्र की गणना की। न्यूटन द्वारा प्रेरित वैचारिक क्रांति के आधार में थी उनकी यह मान्यता कि जो नियम सामान्य आकार की वस्तुओं पर लागू होते हैं, वे वस्तुत: सार्वभौमिक हैं और हर छोटे–बड़े किसी भी आकार या शक्ल के पदार्थ या पिंडों पर लागू होते हैं. अठाहरवी सदी के दौरान ग्रहीय गतियों की समझ के लिए न्यूटन के नियमों की व्यापक छानबीन की गई. मगर क्या न्यूटन के नियम हमारे सौरमंडल के बाहर भी प्रासंगिक है, इसको लेकर कई लोगों ने संदेह प्रकट किया।

न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम –

1803 में सर विलियम हर्शेल जुड़वा तारों के अध्ययन के आधार पर यह घोषणा कर सके कि कुछ मामलों में ये जोड़े वास्तविक भौतिक युग्मों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो एक दूसरे के चारों ओर चक्कर लगते हैं. हर्शेल के खगोलीय अवलोकनों के आधार पर आगे यह भी स्थापित हुआ कि जिन कक्षाओं को हम देखते हैं वे दरअसल अंडाकार हैं. इस प्रकार दूरस्थ तारों के बारे में न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियमों की प्रयोज्यता सिद्ध हुई। यह सवाल कि क्या ब्रह्मांड के समस्त पदार्थों के लिए एक सार्वभौम एवं एकसमान नियम को निर्धारण किया जा सकता है, आखिरकार एक वैज्ञानिक सिद्धान्त के रूप में स्थापित हुआ. इस प्रकार वैज्ञानिक चिंतन के क्षेत्र पहली महान क्रांति हुई. (डिस्क्लेमरः ये लेखक के निजी विचार हैं।

Galileo Galilei Facts –

FAQ –

1 .गैलीलियो ने किन 3 चीजों की खोज की ?

gelilio ने शुक्र के चरण , बृहस्पति के चंद्रमा और मिल्की वे के सितारे की खोज की थी।

2 .गैलीलियो गैलीली कौन है और उसने क्या आविष्कार किया था ?

वह एक महान वैज्ञानिक थे और उन्होंने कई महत्व पूर्ण चीजों की खोज की हुई है।

3 .गैलीलियो गैलीली में क्या विश्वास था ?

उनको यह विश्वास था की पृथ्वी और अन्य सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते हैं।

4 .गैलीलियो की मृत्यु कब हुई ? गैलीलियो की मृत्यु कैसे हुई ?

8 जनवरी 1642 को गैलेलियो की जेल में रहते हुए 77 साल की उम्र में मौत हुई थी।

5 .विज्ञान का जनक किसे कहा जाता है ?

विज्ञानं का जनक गैलीलियो को कहते है।

6 .क्या गैलीलियो की शादी हुई थी ?

नहीं उन्होंने शादी नहीं की हुई है, मरीना गाम्बा नाम की महिला के बहुत लगाव था।

7 .गैलीलियो का पूरा नाम क्या है ?

उनका पूरा नाम गैलीलियो गैलीली था।

8 .विज्ञान का राजा कौन है ?

विज्ञानं का राजा गेलेलियो को कहते है।

9 .गैलीलियो क्यों महत्वपूर्ण है ?

उन्होंने ज्यादा महत्व पूर्ण खोजे की हुई आज भी उनकी प्रसिद्धि बरक़रार है।

10 .गैलीलियो ने किसका आविष्कार किया था ?

उन्होंने कई अविष्कार किये है लेकिन उनमे से गति के नियम बहुत महत्व पूर्ण है।

 

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