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घर्षण किसे कहते है | What is friction force in hindi
घर्षण किसे कहते है | What is friction force in hindi

घर्षण बल गति के विपरीत दिशा में कार्य करती है

जब किसी पिंड को अन्य पिंड पर गतिमान किया जाता है या गतिमान करने का प्रयास किया जाता है तब उनके संपर्क तलो के मध्य उपस्थित वह बल जो उनकी एक दूसरे के सापेक्ष गति का विरोध करता है, घर्षण बल कहलाता है। पिंडो के पृष्ठ पूर्णत चिकने नहीं होते हैं। जब इनको उच्च क्षमता के सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखा जाता है तब इनके खुदरापन होता है तथा कई स्थानों पर अनियमिताएं होती है।

जब एक सतह को दूसरी सतह के उपर रखा जाता है तो अणुओं के समूह एक दूसरे को दबाते है तथा अनियमितताएं एक दूसरे में फंस जाती है। जिससे एक प्रकार की अतप्त बेल्डिंग हो जाती है। यह स्थिति अंतर परमाण्विक बलो के कारण उत्पन होती है। जब एक सतह पर फिसलती है तब अणुओं के मध्य बने बंधो को तोड़ने में आवश्यक बल घर्षण बल कहलाता है।

 

घर्षण बल की परिभाषा :-

” यह बल संपर्क बल का वह घटक है जो कि संपर्क के समानांतर लगता है।”

घर्षण बल की उत्पति के कारण 

घर्षण बल की निर्भरता 

  • घर्षण बल केवल संपर्क सतहों के संपर्क कणों द्वारा घेरे गए क्षेत्रफल पर निर्भर करता है।
  • स्थैतिक घर्षण(f) को छोड़कर, घर्षण बल अभिलंब प्रतिक्रिया बल (N) पर निर्भर करता है। f ∝ N

घर्षण(friction) संबंधी घटनाओं के विस्तृत अध्ययन से पहले हमें विभिन्न घर्षण के प्रकार (types of friction in hindi) के बारे में विस्तृत जानकारी का होना आवश्यक है। विभिन्न प्रकार की घर्षण(gharshan ke parkar) संबंधी परिस्थितियों को निम्न भागो में विभाजित किया गया है।

घर्षण किसे कहते है | What is friction force in hindi
घर्षण किसे कहते है | What is friction force in hindi

 शुष्क घर्षण (Dry Friction)

जब संपर्क में स्थित दो अस्नेहक ठोस सतहे एक दूसरे पर फिसले या फिसलने का प्रयास करे तो उनके मध्य यह बल होता है। इसे कुलॉम्ब घर्षण भी कहते हैं।

(1) स्थैतिक घर्षण (2) गतिक घर्षण

(2) तरल घर्षण (Fluid Friction in Hindi)

तरल घर्षण बल (fluid friction force) किसे कहते हैं

जब किसी द्रव की आसन्न परते अलग – अलग वेगों से गति करती है तो इनके बीच घर्षण को श्यानता कहते है। जब कोई ठोस वस्तु किसी तरल में गति करती है तो तरल से उत्पन्न घर्षण को श्यान बल कहते है।

 आंतरिक घर्षण बल (internal friction force) किसे कहते हैं?

आंतरिक घर्षण बल क्या है

 जब ठोस वस्तुओं में अपरूपण होता है तब उसके विभिन्न भाग अंदर ही अंदर एक दूसरे पर फिसलते है तथा घर्षण बलों का एक निकाय बनाते है, जिसे हम आंतरिक घर्षण कहते है। इसमें सदैव ऊर्जा की हानि होती है।”

स्थैतिक घर्षण (Static friction force in hindi)

स्थैतिक घर्षण क्या है

जब किसी बस्‍तु को खिसकाने के लिए बल लगया जाता है बस्‍तु अपने स्‍थान न खिसके तो बस्‍तु और उस सतह के मघ्‍य लगने वाले बल को स्‍‍थैतिक घर्षण बल इसका परिमाण लगाए गए बल के बराबर तथा दिशा बल की दिशा के विपरीत होती है

घर्षण बल जो की संपर्क तलों के मध्य सापेक्ष गति होने से पहले कार्य करता है, स्थैतिक घर्षण बल कहलाता है।

  • इसकी प्रकृति स्वत समायोजित होने की होती है।
  • स्थैतिक घर्षण का संख्यात्मक मान उस बाह्य बल के बराबर होता है जो वस्तु के सापेक्ष गति प्रदान करने की चेष्टा करता हैं
  • स्थैतिक घर्षण का अधिकतम मान सीमांत घर्षण कहलाता है।
घर्षण किसे कहते है | What is friction force in hindiघर्षण किसे कहते है | What is friction force in hindi
घर्षण किसे कहते है | What is friction force in hindi

सर्पी घर्षण बल (Sliding frictional force) :- 

जब कोई बस्‍तु किसी सतह पर सरकती है तो बस्‍तु और उस सतह के बीच लगने वाला बल सर्पी घर्षण बल कहलाता है

गतिकघर्षण (Kinetic Friction in hindi) :-

“यदि वस्तु आपेक्षिक गति कर रही है तो इसकी आपैक्षिक गति का विरोध करने वाला घर्षण गतिक घर्षण कहलाता है।

  • गतिक घर्षण का मान सदैव सीमांत घर्षण से थोड़ा कम होता है।
  • इसका मान भी N पर निर्भर करता है।
  • इसका मान वस्तु की गति के प्रकार पर भी निर्भर नहीं करता क्योंकि यह नियत होता है।
  • इसका संख्यात्मक मान fk = uk N होता है। यहां uk गतिक घर्षण गुणांक है।

 बेलनी या लोटनी घर्षण (rolling friction)

लोटनिक घर्षण बल (Rolling frictional force)

जब कोई बस्‍तु किसी सतह पर लुढकती हैं तो बस्‍तु और उस सतह के बीच लगने वाला बल लोटिनिक घर्षण बल कहलाता है वह घर्षण बल जो किसी पिंड या वस्तु के किसी तल पर घूर्णन गति करने के कारण उत्पन्न होता है, बेलनी घर्षण कहलाता है। जब कोई पिंड किसी पथ पर लुढ़कता है तब संपर्क क्षेत्रफल बहुत कम होता है जिससे दाब बहुत अधिक हो जाता है।

सीमांत घर्षण के नियम (Law of limiting friction)

  • सीमांत घर्षण बल fL दोनों सतहों मध्य लगने वाले अभिलंब प्रतिक्रिया बल (N) के समानूपाती होता है।
  • वस्तु पर सीमांत घर्षण बल सदैव वस्तु की गति करने की चेष्टा करने के विपरीत दिशा में होती है।
  • सीमांत घर्षण बल स्पर्श करने वाली सतहों के आभासी क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करता है, जब तक कि संपर्क वाली दो वस्तुओं कि अभिलम्बवत प्रतिक्रिया समान रहै।
  • यह संपर्क सतहों के पदार्थ एवं उनके चिकनेपन या खुदरेपन पर निर्भर करता है।
  • इसका मान अन्य प्रकार के घर्षण बलों से अधिक होता है।

घर्षण कोण (Angle of friction in Hindi)

सीमांत घर्षण की स्थिति में परिणामी प्रतिक्रिया बल (P) तथा अभिलंब प्रतिक्रिया बल (N) के मध्य बने कोण को घर्षण कोण कहते है।

tan λ = fL/N = us

विश्राम कोण :-

नत तल का क्षैतिज से बनाया गया वह अधिकतम कोण जिस पर नत पर रखी गई वस्तु विराम अवस्था में रहती है या नत तल का क्षैतिज से बनाया गया वो न्यूनतम कोण जिस पर नत तल पर रखी वस्तु ठीक गति की अवस्था में आ जाती है विश्राम कोण कहलाता है।

घर्षण बल कम करने के उपाय / विधियां

घर्षण कैसे कम किया जाता हैं? घर्षण कम करने के लिए निम्न विधियां प्रयुक्त किया जाती है।

(1) स्नेहक द्वारा (using lubricant) :-

घर्षण बल को कम करने के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले पदार्थ को स्नेहक कहते है। ये पदार्थ संपर्क में रखे दो तलों के मध्य पतली परत का निर्माण करते है। हल्की मशीनों में कम श्यान्नता वाले पतले तेलों को घर्षण कम करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।

जैसे:-

घड़ियों में, सिलाई मशीन में आदि भारी तथा तीव्र गतिमान मशीनों में गाढ़ा तेल या ग्रीस का उपयोग किया जाता है। संपिडित वायु का भी उपयोग स्नेहक रुप में किया जाता है। उच्च दाब पर वायु को मशीनों के गतिशील भाग में प्रवाहित कर घर्षण में कमी की जाती है।

(2) बॉल बियरिंग द्वारा (using ball bearing)

गतिशील पहियो शाफ़्ट अथवा धुरियो के खांचों के मध्य लगाई जाने वाली धातु की छोटी छोटी गोलियां बाल बियरिंग कहलाती है। बॉल बियरिंग का उपयोग वस्तु की गति को लॉटनी गति में परिवर्तन करने के लिए किया जाता है। इस स्थिति में घर्षण बल का प्रभावी मान बहुत कम होता है।

(3) पॉलिश द्वारा (using polish)

Gharshan बल का मान सम्पर्कित पृष्ठो पर पॉलिश करके कम किया जा सकता है। पॉलिश द्वारा सम्पर्कित पृष्ठ उभार तथा गर्तो भरकर सपाट हो जाते है। जिससे अंतर परमाण्विक आकर्षक बल बंध अपेक्षाकृत कम बनाते है तथा घर्षण बल का मान कम हो जाता है। Gharshan बल का मान सम्पर्कित पृष्ठो पर पॉलिश करके कम किया जा सकता है। पॉलिश द्वारा सम्पर्कित पृष्ठ उभार तथा गर्तो भरकर सपाट हो जाते है। जिससे अंतर परमाण्विक आकर्षक बल बंध अपेक्षाकृत कम बनाते है तथा घर्षण बल का मान कम हो जाता है।

घर्षण के लाभ (Advantage of firiction in hindi)

घर्षण के लाभ (Advantage of friction) निम्न लिखित है :-

  • घर्षण बल हमे पृथ्वी की सतह पर चलने में सहायता करता है। घर्षण की अनुपस्थिति में हम सतह पर चलने के बारे में सोच भी नहीं सकते है।
  • कागज की सतह व पेन के शीर्ष के मध्य gharshan बल हमें लिखने में सहायता करता है। तेलीय अथवा चिकने पृष्ठ पर लिखना मुश्किल होता है क्योंकि वहां घर्षण का अभाव होता है।
  • वाहन के पहियों व सड़क के मध्य घर्षण बल वाहन को रोकने में सहायता करता है, जब उस पर ब्रेक लगाए जाते है। Gharshan के अभाव में वाहन पर ब्रेक लगाने से, वाहन सड़क पर फिसल जाएगा।
  • पहिए की परिधि पर घूमता हुआ पट्टा घर्षण के कारण पहिए पर बना रहता है।
  • एक चाक व श्यामपट्ट के मध्य घर्षण बल ही श्यामपट्ट पर लिखने में सहायक होता है।

घर्षण बल से हानि/ हानिया (Disadvantages of friction)

What are Friction and Types in Hindi Mechanic37.in

  • घर्षण के कारण गति करती हुई वस्तु की ऊर्जा की काफी मात्रा ऊष्मा ऊर्जा के रूप में व्यर्थ चली जाती है।
  • यह वाहनों, रॉकेट,ट्रेनों इत्यादि के वेग को निश्चित सीमा से आगे नहीं बढ़ने देता है।
  • घर्षण के कारण मशीनों की दक्षता का हास होता है।
  • घर्षण बल के कारण मशीनों के गतिमान भाग घिस जाते है।

 

 

By Ajay Singh

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