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लेंस किसे कहते हैं, लेंस के प्रकार, उत्तल लेंस, अवतल लेंस | Lens kise kahate hain

लेंस किसे कहते हैं, लेंस के प्रकार, उत्तल लेंस, अवतल लेंस | Lens kise kahate hain
लेंस किसे कहते हैं, लेंस के प्रकार, उत्तल लेंस, अवतल लेंस | Lens kise kahate hain

लेंस किसे कहते हैं, लेंस के प्रकार, उत्तल लेंस, अवतल लेंस | Lens kise kahate hain

लेन्स (Lenses) :

दो तलों से घिरा जिसके दोनों तल दो गोलों के पारदर्शक खण्ड होते हैं लेंस कहलाता है। इनका उपयोग सभी प्रकाशीय यन्त्रों जैसे : कैमरा, प्रोजेक्टर्स, टेलिस्कोप एवं सूक्ष्मदर्शी आदि में किया जाता है। ये काँच (मुख्यत:) या प्लास्टिक के बने होते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं। उत्तल लेंस एवं अवतल लेंस।

उत्तल लेंस (Convest Lens):

उत्तल लेंस बीच में मोटा तथा किनारों पर पतला होता है। उत्तल लेंस अनन्त से आने वाली किरणो को सिकोड़ता है इसीलिए इसे अभिसारी कहते हैं। उत्तल लेंस तीन प्रकार के होते हैं उभयोत्तल, समतल उत्तल, अवतलोत्तल लेंस।

लेन्स क्या है| what is lens
लेंस के प्रकार

उत्तल लेंस की छमता घनात्मक होती है

अवतल लेंस (Concave Lens):

यह बीच में पतला एवं किनारों पर मोटा होता है। अवतल लेंस अनन्त से आने वाली किरणों को फैलाता है इसे अपसारी लेंस (Diverging Lens) भी कहते है। यह भी तीन प्रकार के होते हैं ।उभयावत्तत, समतल अवतलत तथा उत्तलावतल लेंस।

लेंस के दोनों तलों के वक्रता केंद्रों को जोड़ने वाली रेखा लेंस का मुख्य अक्ष कहलाती है। लेंसों में दो फोकस तथा दो वक्रता केन्द्र होते हैं। लेंस के द्वितीय फोकस को मुख्य फोकस भी कहते हैं। उत्तल लेंस में फोकस वास्तविक तथा अवतल लेंस में आभासीं होता है। उत्तल लेंस की फोकस दूरी को धनात्मक तथा अवतल लेंस की ऋणात्मक होती है।

लेन्स क्या है| what is lens

अवतल लेंस की छमता ऋणात्मक होती है

लेंस के मध्य में स्थित बिन्दु को लेंस का प्राकाशिक केंद्र कहते हैं। यदि लेंस के दोनों ओर का माध्यम एक समान हो तो लेंस की दोनों फोकस दूरियाँ बराबर होती है।

लेंस की क्षमता (Power of a Pens):

उत्तल लेंस में जब प्रकाश किरणें मुख्य के समानान्तर चलती हुई लेंस पर आपतित होती हैं तो यह लेंस अपवर्तन के पश्चात् उन किरणों को मुख्य अक्ष की ओर मोड़ देता है तथा अवतल लेंस इन किरणों को मुख्य अक्ष से दूर हटा देता है इस प्रकार लेंस का कार्य उस पर आपतित होने वाली किरणों को मोड़ना है, इसी को लेंस की क्षमता कहते हैं। जो लेंस किरणों को जितना अधिक मोडता है उसकी क्षमता उतनी ही अधिक होती है। कम फोकस दूरी के लेंसो की क्षमता अधिक तथा फोकस दूरी के लेंसो की क्षमता कम होती है। लेंस की क्षमता का मात्रक डायोप्टर (Dioptre) है। उत्तल लेंस की क्षमता धनात्मक एवं अवतल लेंस की ऋणात्मक होती है। दो लेंसों को सटाकर रखने पर उनकी क्षमताएं जुड़ जाती है। जब समान फोकस दूरी के उत्तल व अवतल लेंसों को परस्पर मिलाया जाता है तो ये समतल काँच की भाँति व्यवहार करते हैं इनकी क्षमता शून्य एवं फोकस दूरी अनन्त होती है।

लेंस को किसी द्रव में डुबोने पर लेंस की फोकस दूरी व क्षमता दोनों परिवर्तित हो जाती है।

1 डाइऑप्टर उस लेंस की छमता है जिसकी फोकस दूरी1 मीटर हो 1D =1m^-1

S.I unit Of Dioptre 1D= 1/1m

 

लेंस की क्षमता:-

P=1/F

यदि ऐसे द्रव में किसी लेंस के डुबोया जाय जिसका अपवर्तनाँक लेंस के अपवर्तनाँक से कम हो तो लेंस की फोकस दूरी बढ़ती है और क्षमता घट जाती है। परन्तु लेंस की प्रकृति अपरिवर्तित रहती है।

यदि ऐसे द्रव में लेंस को डुबोया जाय जिसका अपवर्तनाँक लेंस के अपवर्तनाँक के बराबर रता हैं क्योंकि जल का अपवर्तनाँक हवा से अधिक होता है।

लेंस की फोकस दूरी का सूत्र

नोट

उत्‍तल लेंस की फोकस दूरी धनात्‍मक और अवतल लेंस की फोकस दूरी को ऋणात्‍मक लिया जाता है।

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