History of The Automobile | ऑटोमोबाइल का इतिहास
1769 में, एक फ्रेंच इंजीनियर कैप्टिन Nicholas Cugnot ने अपनी खुद की शक्ति (Own power) से चलने वाले पहले सड़क वाहन का निर्माण किया, यह एक तीन पहिया वाहन (tree wheeler vehicle) था। चार सीटर वाहन जो एक भाप इंजन के साथ फिट था, उसने 15 मिनट के लिए लगभग 2 M.P.H की गति प्राप्त की
1880 में, जर्मन और फ्रांसीसी प्रयासों ने एक आंतरिक दहन इंजन (Internal Combustion Engine) विकसित किया। जिसका उपयोग फल ले जाने के लिए किया जाता था। वर्तमान वाहन इस वाहन का विकास है।
1885 में, जर्मनी में बेंज ने एक आंतरिक दहन इंजन (Internal Combustion Engine) द्वारा संचालित एक तिपहिया साइकिल का निर्माण किया।
1885 -86, GOTTLIEB डेमलर ने जर्मनी में एक Internal Combustion Engine का पेटेंट कराया और एक साल बाद यह एक वाहन में चल रहा था
1895 में, अमेरिका में चार्ल्स ई। दुरिया और एलवुड जे। हेन्स ने इस वर्ष में प्रयोगात्मक ऑटोमोबाइल का विकास किया, फ्रांस में पनहार्ड और लेवेसर ने भी एक कार विकसित की, जो मामूली अपवाद के साथ, ऑटोमोबाइल की मुख्य विशेषताओं को शामिल करती है जैसा कि हम आज जानते हैं।
1900 में, ऑटोमोबाइल के डिजाइन में इतना सुधार हुआ कि इसने जनता को इस तथ्य के प्रति जागृत किया कि परिवहन का यह नया रूप वास्तव में उपयोग के लिए व्यावहारिक था।
1906 में, इन वाहनों का उत्पादन और बिक्री एक व्यवसाय बन गया
1906 से पहले, अमेरिका में बनने वाले दुनिया के सबसे बड़े विनिर्माण उद्योग में से कई महान नाम पहले से ही ऑटोमोबाइल वाहन पैकर्ड, ऑटोकार, ऑल्डस्मोबाइल, व्हाइट ब्यूक ओवरलैंड, फोर्ड, कैडिलैक- के निर्माण के लिए शुरू हो चुके थे, जो सभी मोटर वाहनों पर थे। 1905 से पहले। पियर्स एरो, लोकोमोबाइल, मोटर वाहन के तकनीकी और वाणिज्यिक विकास में अपने समय में भी मैक्सवेल महत्वपूर्ण थे।
कारों (Cars) को ऑटोमोबाइल क्यों कहा जाता है?
What is the meant of automobile | ऑटोमोबाइल का क्या मतलब है?
तो चलिए जानते हैं ऑटोमोबाइल क्या है और यह मानव जीवन में कितना महत्वपूर्ण है ।
ऑटोमोबाइल सामान्यतः 2 शब्दों से बना हुआ है ऑटो + मोबाइल
ऑटो का अर्थ है स्वतः(Self) तथा मोबाइल का अर्थ है वाहन या गाड़ी । सामान्य शब्दों मैं कहा जाए तो ऐसा वाहन या गाडी जो स्वतः शक्ति उत्पन्न करके भूमि पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक गति करती है । और जिसका उपयोग प्रायः सवारियों तथा सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए किया जाता है । दोस्तों वैसे तो स्वतः शक्ति उत्पन्न करके चलने वाले और भी कई हैं जैसे हवाई जहाज, पानी के जहाज , वोट और अन्य भी है
दोस्तों सड़क पर स्वतः शक्ति(Automobile) उत्पन्न करके चलने वाले मुख्य वाहन या गाड़ियां 3 तरह की होती हैं ।
- पैट्रोल या डीजल से चलने वाले वाहन ।
- भाप से चलने वाले वाहन जैसे सी एन जी| गैसोलीन वाहन ।
- बिजली से चलने वाले वाहन ।
1- डीज़ल इंजन कार Diesel ⛽ engine
डीज़ल इंजन का आविष्कार Rudalf Diesel ने सन 1899 में किया,जो एक जर्मन व्यक्ति थे। डीज़ल इंजन कुछ इस प्रकार डिज़ाइन किया होता है कि उसमे डीज़ल इंधन का इस्तमाल किया जाता है।इंजन के सिलेंडर के अंदर हवा और इंधन का ज्यादा प्रेशर बनाया जाता है और इंजेक्टर द्वारा सिलेंडर बोअर में इंधन को छिड़का जाता है जिससे गरम हवा में इंधन जल जाता है,और वहा से निकलने वाली एनर्जी को ट्रांसमिशन में भेजा जाता है.और गाड़ी चल पड़ती है।
इसके बारे में हम आगे विस्तार से सीखने वाले है.
2- पेट्रोल इंजन कार petrol Engine
पेट्रोल इंजन और ज्यादा तर फर्क नहीं होता पेट्रोल इंजन में इंजेक्टर के साथ स्पार्क प्लग भी फिट रहते है।सिलेंडर बोअर में कम समय मै आग प्रज्वलित करके विस्फोट करने के लिए स्पार्क प्लग का इस्तमाल किया जाता है,डीज़ल इंजन से पेट्रोल इंजन काफी जल्दी कार्यान्वित होता है।
3- सी एन जी CNG Car
CNG का मतलब compressed natural gas होता है, यह एक प्रकार का इंधन ही होता है जो सिर्फ पेट्रोल इंजन के साथ ही चलता है,कहने का मतलब एक ही पेट्रोल इंजन में दो तरह का याने पेट्रोल और गैस का इस्तमाल किया जाता है।सीएनजी पेट्रोल से सस्ता और किफायती होता है।
4- इलेक्ट्रिक कार ⚡⚡ Electric Car
इलेक्ट्रिक कार आम तौर पे डीज़ल पेट्रोल से अलग होती इस कार को उच्च क्षमता की बैटरी द्वारा कार्यान्वित किया जाता है,और कुछ किलो मीटर चलने के बाद उसे चार्जिंग करना जरूरी होता है,अगले आने वाले समय में इंधन बचाने के लिए इलेक्ट्रिक कार वाहन का ही ज्यादा उपयोग होने वाला है इस समय अभी कुछ प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन ही रास्ते पे चल रहे है।